Saturday, October 17, 2020

RESULT OF COMPETITONS HELD ON 150TH BIRTH ANNIVERSARY OF MAHATMA GANDHI (CONDUCTED BY NMDC BACHELI)

 

POSTER MAKING COMPETITION

PRIZE

NAME OF STUDENT

CLASS

1ST

GUNJAN BISWAS

7A

2ND

DIYA SAH

8A

3RD

P SAI SHUBH

7A

SLOGAN COMPETITION

PRIZE

NAME OF STUDENT

CLASS

1ST

SRISHTI MANDAVI

7A

2ND

AARTHAK SARKAR

7B

3RD

RIYANT

7A

ESSAY COMPETITION(CLASS 6TH TO 8TH )

PRIZE

NAME OF STUDENT

CLASS

1ST

SRISHTI MANDAVI

7A

2ND

JAGRITI THAKUR

6A

3RD

M AMAN IQUEBAL

7B

ESSAY COMPETITION(CLASS 9TH TO 10TH )

PRIZE

NAME OF STUDENT

CLASS

1ST

PRAGYA VAIDEY

9B

2ND

ESHA PATHAK

10B

3RD

SHRUTI SAHU

9A

ELOCUTION

PRIZE

NAME OF STUDENT

CLASS

1ST

MALAVIKA REDDY

12A

2ND

AADHYA SHRIVASTAV

11A

3RD

AREEN S

12A

Thursday, October 15, 2020

World Food Day 2020

 

World Food Day 2020: United Nation's Food and Agriculture Organisation (FAO) marked October 16 of every year as World Food Day.



Highlights
  • World Food Day 2020 is on October 16.
  • The day is earmarked to spread awareness about food security.
  • PM Narendra Modi will launch a commemorative coin to mark the day.

The current health crisis initiated by Coronavirus pandemic has made us all sit up and take note of the importance of maintaining our health. The need of consuming nutritious food got the long-due impetus and the problem of food scarcity got the attention it really needed. This year's World Food Day is devoted to highlight food and agriculture as a significant part of COVID-19 response. Back home in India, PM Narendra Modi will also be launching a commemorative coin to mark the special day. 


World Food Day 2020: Date And History

United Nation's Food and Agriculture Organisation (FAO) marked October 16 of every year as World Food Day in the year 1979.  World Food Day 2020 also marks the 75th anniversary of FAO. Initially, World Food Day was launched to commemorate the establishment of FAO. Gradually, the day turned into a global event, creating awareness about food shortage and reviving food systems across the globe.


World Food Day 2020: Theme

Every year, World Food Day endeavours to promote food and preserve food resources. In light of the current pandemic this year, the day will be celebrated with the theme - "Grow, nourish, sustain. Together. Our actions are our future."


























18th Water Talk on 16 October 2020 from 0300 to 0500 PM on virtual plateform.


18th Water Talk is to be held on 16 October 2020 from 0300 to 0500 PM on virtual platform. The 18th Water talk will be delivered by Shri Gajendra Singh Shekhawat, Hon'ble Union Minister, Ministry of Jal Shakti.

This series (18th series) water talk are being live streaming on the facebook pages of National Water Mission and Department of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation through the following channels:

NWM's facebook Page - https://www.facebook.com/nwmgoi/
DoWR's facebook page - https://facebook.com/mowrrdgr

All teachers and students requeated to participate on above talk using above given facebook page link.

Date : 16 Oct 2020
Time 0300 to 0500 pm.

Wednesday, October 14, 2020

World Students' Day 2020

 


The United Nations declared October 15 as World Students' Day in 2010 to honour Dr APJ Abdul Kalam.


डॉ. पी जे अब्दुल कलाम से जुड़े बेहद रोचक तथ्य

अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम  (15 अक्टूबर 1931 – 27 जुलाई 2015) इन्हे मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपतिजानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। उन्होंने सिखाया जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं। अब्दुल कलाम मसऊदी के विचार आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

 

आज, 15 October को डॉ. कलाम के जन्मदिन के अवसर पर हम आपसे शेयर कर रहे हैं  उनसे जुड़े 31 बेहद रोचक तथ्य। इन्हें पढ़कर आप उनके महान व्यक्तित्व को और करीब से जान पायेंगे।

 

1) 15 अक्टूबर, 1931 को जन्मे डॉ. पी जे अब्दुल कलाम एक बेहद गरीब परिवार से थे। उनके पिता के पास परिवार चलाने के नाम पर बस एक नाव थी।

2) डॉ. कलाम शुरू से बहुत मेहनती थे। सिर्फ पांच साल की उम्र से ही, उन्होंने अपनी family को support करने के लिए अखबार बेचना शुरू कर दिया था।

3) कलाम साहब को फिजिक्स और गणित दोनों ही विषय बहुत पसंद थे।गणित पढने के लिए सुबह बजे ही उठ जाते थे।

4) कलाम साहब शुरू से एक पायलट बनना चाहते थे और एक बार वे इसके बेहद करीब पहुँच गए थे। Indian Air Force की selection list में वे 9वें स्थान पर थे, जबकि सिर्फ आठ लोगों का ही चयन होना था।

5) 1969 में वे ISRO में चले गए और उन्हें Satellite Launch Vehicles का project director बना दिया गया। प्रोजेक्ट सफल रहा और भारत ने पृथ्वी की कक्षा में रोहिणी उपग्रह भेजने में सफलता प्राप्त की।

6) कलाम साहब को मिसाइल मैनके नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि उन्होंने भारत के लिए अग्नि और प्रथ्वी जैसी powerful मिसाइल्स invent करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

7) पोखरण- न्यूक्लीयर टेस्ट की सफलता के पीछे भी डॉ. कलाम का बड़ा हाथ था।

8) डॉ. कलाम भारत रत्न से सम्मानित तो हुए ही, उन्हें 40 विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि भी प्रदान की गयी।

9) उनके जीवन से प्रेरित हो कर “ I AM Kalam” नामक बॉलीवुड मूवी भी बनायी गयी।

10)डॉ. कलाम को बच्चों से बहुत प्यार था और वे हेमशा उनकी जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश करते थे. यहाँ तक की अपनी मृत्यु से ठीक पहले भी वो यही काम कर रहे थे- वे IIM Shillong में स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे।

11) डॉ. कलाम जब एक बार अमेरिका गए थे तब सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें रोक कर उनकी तालाशी ली थी। भारत ने इसका कड़ा विरोध किया था।

12) जब एक बार किसी पत्रकार ने उनसे पूछा कि वो किस रूप में याद किया जाना पसंद करेगे- एक वैज्ञानिक, एक राष्ट्रपति या एक शिक्षक के रूप में? डॉ. कलाम ने कहा था- 

शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता है। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा।

13) डॉ. कलाम जब स्विट्ज़रलैंड विजिट पर गए थे तो उनके सम्मान में उस दिन ( 26 May) को साइंस डे के रूप में मनाने की घोषणा कर दी गयी।

14) डॉ. कलाम को तमिल में कविताएँ लिखने और वीणा बजाने का शौक था।

15) डॉ. कलाम शुरू में तो non-vegetarian थे लेकिन बाद में वेजिटेरियन बन गए थे।

16) डॉ. कलाम पहले ऐसे राष्ट्रपति हुए जो अविवाहित थे और एक वैज्ञानिक भी।

17) डॉ. कलाम को राष्ट्रपति बनने से पहले ही देश कर सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया जा चुका था।

18) अपने Twitter Account पे डॉ. कलाम कुल 38 लोगों को follow करते थे, जिसमे बस एक ही क्रिकेटर था- VVS Laxman.

19) डॉ. कलाम महान वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई को अपना मेंटर मानते थे।

20) डॉ. कलाम का पहला बड़ा प्रोजेक्ट, SLV-3 फेल हो गया था। उस समय वो बहुत दुखी हुए थे पर अपनी गलतियों से सीखते हुए उन्होंने आगे चल कर बड़ी-बड़ी सफलताएं अर्जित कीं।

21) डॉ. कलाम को दो बार, 2003 और 2006 में MTV Youth Icon चुना गया था।

22) डॉ. कलाम बतौर राष्ट्रपति मिलने वाले अपनी सैलरी दान में दे दिया करते थे। उन्होंने एक ट्रस्ट बनाया था- Providing Urban Amenities to Rural Areas(PURA), और इसी ट्रस्ट में वो अपनी सैलरी डोनेट कर देते थे।

23) डॉ. कलाम विशेष तौर पर उनके लिए मंगाई गयी कुर्सी पर नहीं बैठते थे, बल्कि सबके साथ बराबर की कुर्सी पर ही बैठते थे। इस तथ्य से सम्बंधित  प्रेरक प्रसंग यहाँ पढ़ें – डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के 10 प्रेरक प्रसंग ( Read Point # 7)

24) एक बार डॉ. कलाम ने याहू पर पूछा, “What should we do to free our planet from terrorism?/ हमें दुनिया को आतंकवाद से मुक्त करने के लिए क्या करना चाहिए?” तो इसके जवाब में उन्हें 30,000 responses मिले।

25) डॉ. कलाम चाहते थे कि राष्ट्रपति भवन पूरी तरह से सौर्य उर्जा से संचालित हो, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान ये कार्य पूरा नही हो पाया।

26) डॉ. कलाम की inspiring autobiography, “Wings of Fire” फ्रेंच और चायनीज सहित 13 भाषाओँ में ट्रांसलेट की जा चुकी है।

27) डॉ. कलाम ने अलग-अलग विषयों पर कम से कम 15 किताबें लिखी हैं. उनका कहना था-

लिखना मेरा प्यार है। अगर आप किसी चीज से प्यार करते हैं, आप उसके लिए बहुत सारा समय निकाल लेते हैं। मैं रोज दो घंटे लिखता हूँ, आमतौर पे मध्यरात्रि में शुरू करता हूँ, कभी कभी मैं 11 बजे से लिखना शुरू करता हूँ।

28) डॉ. कलाम को समुद्र से बेहद लगाव था।

29) अपने माता-पिता की आँखों की समस्या के लिए कुछ ख़ास कर पाना डॉ कलाम के जीवन का सबसे बड़ा अफ़सोस था। 

30) राष्ट्रपति के तौर पे उन्हें अदालतों द्वारा दिए गए मृत्यु दण्ड की पुष्टि करना बेहद कठिन काम लगता था।

31) डॉ. कलाम एक कुशल लीडर थे। वे किसी भी परियोजना के फेल होने पर खुद को जिम्मेदार ठहराते थे लेकिन सफलता मिलने पर पूरी टीम को श्रेय देते थे।