महात्मा गांधीजी ने एक ऐसे भारत का सपना
देखा था जो न केवल स्वतंत्र हो बल्कि स्वच्छ और विकसित भी हो । महात्मा गांधी ने भारत को आज़ादी दिलाई । अब हमारा कर्तव्य है कि देश को साफ़ और स्वच्छ रखकर भारत माता की सेवा करें ।
मैं यह संकल्प लेता हूँ कि मैं स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध रहूँगा और इसके लिए समय दूँगा । मैं स्वच्छता के लिए स्वैच्छिक रूप से काम करने के लिए प्रति वर्ष सौ घंटे अर्थात् प्रति सप्ताह दो घंटे समर्पित करूँगा ।
मैं कूड़ा नहीं फैलाऊँगा और न ही दूसरों को कूड़ा फैलाने दूँगा । मैं स्वयं, अपने परिवार, अपने इलाक़े, अपने गाँव और अपने कार्यस्थल के साथ स्वच्छता की शुरुआत करूँगा ।
मेरा मानना है कि दुनिया के जो देश स्वच्छ दिखाई देते हैं वे इसलिए हैं क्योंकि उनके नागरिक कूड़ा नहीं फैलाते और न ही वे दूसकों को फैलाने देते हैं । इस दृढ़ विश्वास के साथ, मैं गाँवों और कस्बों में स्वच्छ भारत मिशन के संदेश का प्रचार करूँगा ।
मैं अन्य सौ व्यक्तियों को इस प्रतिज्ञा को लेने के लिए प्रोत्साहित करूँगा जो मैं आज ले रहा हूँ । मैं उन्हें स्वच्छता के लिए सौ घंटे समर्पित करने के लिए कहूँगा ।
मुझे विश्वास है कि मैं स्वच्छता की दिशा में जो भी क़दम उठाऊँगा वह मेरे देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेंगे ।